Saturday, April 25, 2009

२६ बीकानेर राज थापणा उच्छब: आखाबीज

आपणी भाषा-आपणी बात
तारीख
-२६//२००९

बीकानेर राज थापणा उच्छब : आखाबीज

-ओम पुरोहित कागद

तिंवारां री खाण राजस्थान। सातूं दिन तिंवार। पग-पग थान। थान थरपणा रा तिंवार-उछब। एहड़ो उछब-तिंवार आखाबीज। आखै देश मनाइजै आखातीज। यानी अक्षय तृतीया। जूनै राज बीकानेर में पण आखातीज सूं पैली आखाबीज धोकीजै। इणीज दिन बीकानेर राज री थापणा श्री करणीमाता जी रै सुब हाथां होई। राव बीकाजी आसोज सुदी दस्यूं विक्रमी सम्वत 1522 नै जोधपुर राज सूं रिसाणा होय नूंवो राज थरपण निकळ्या। साथै हा काकोसा राव कांधळ जी। काकै-भतीजै जोधपुर री सींव सूं जांगळू, सिरसा, अबोहर, भटिण्डा, साहवा तक री धरती जीती। जाटां रा छ: राज लाघड़िया-शेखसर (पांडू गोदारा), भाड़ंग (पूला सारण), सीधमुख (कंवरपाल कंस्वा), रासलाणा (रायसल बेनीवाळ), बलूंदा (काना पूनिया), सुई (चोरण सिहाग) भेळ्या। नापा जी सांखला रै सुगनां माथै श्रीकरणी माता जी रै हाथां विक्रमी सम्वत 1542 में बीकानेर राज री थापणा होई। हाल रै लक्ष्मीनाथ जी रै मिंदर खन्नै नागौर-मुल्तान मारग माथै रातीघाटी में किलै रो नींव भाटो थरपीज्यो। किलो बणन में तीन बरस लाग्या। किलो बण्यां पछै थापणा उछब विक्रमी सम्वत 1545 री वैसाख सुदी दूज, थावर नै मनाइज्यो।
पनरै सै पैंताळवै, सुद वैसाख सुमेर।
थावर बीज थरप्पियो, बीकै बीकानेर।।

आज भी जूनै बीकानेर राज रै गांवां-सैरां में आखाबीज मनाइजै। ओ दिन बंसत अर गरमी री रुतां रो बीचलो दिन। इण कारण ओ मौसम रो तिंवार। मौसम रो तिंवार तो पक्को ई किसानां रो तिंवार। आं दिनां नूवों धान खळां सूं घरां ढूकै। नूंईं फसल बाईजै। बीज नै आखा भी कैइजै। आगली बुवाई सारू आखा साम्भीजै। आखाबीज नै अणबूझ मोहरत अर अणबूझ सावो भी मानै। ब्यांव मंडै। चंवर्यां मंडै। नूंवै कामां री थरपणा भी इणी दिन करीजै। आखाबीज नै साम्हो खीचड़ो रांधीजै। ऐ खीचड़ा आखातीज सूं एक दिन पैली रांधीजै। इण सारू साम्हा खीचड़ा बजै। बाजरी अर मोठ रो खीचड़ो। ऊपर धपटवों घी। काचरी-भेळ खीचड़ो चरको। गु़ड-सक्कर बुरकायां मीठो। दूध मिलायां, सबड़क्यां राफां री आफत। पण सुवाद रा ठाट। कणक-बाजरी नै भेळ बणायोड़े खीचड़ै रा रंग न्यारा। इण खीचड़ै में कणक दाखां रो सुवाद पुरावै। अमलवाणी रा गुटकां पछै पेट करै और ल्याव.....और ल्याव। ....बाजरिया थारो खीचड़ो, लागै घणो सुवाद। रंधीण रै साथै चरका-मरका सारू भी सुआंज। पापड़-खीचिया, गुवारफळी अर कैरिया तळीजै। लूण-मिरच बुरका'र परोसीजै। आखी बड़ी, फळी-काचरी, मोठोड़ी-कोकला-काचर-गोटकां रा साग छमकीजै। थाळी में फूटरा अर बाकै में सुवाद लागै। पछै दुनियां री सगळी नमकीनां ईसका करै।
रंधीण, अमलवाणी, मोठ, बाजरी, काचरी, अर कैर री आयुर्वेदिक मैमा। बाजरी बुढापो भजावै। आदमी नै जुवान बणायां राखै। काम-वासना बधावै। लुगायां रो रूप निखारै अर थिर राखै। चंचलता अर फुरती बधावै। गुरदै री पथरी, गर्भवती, बावासीर अर पेट रै रोग्यां नै पण खावण सारू बरजै। मोठ पाचक अर पित्त-कफहर होवै। मोठ घणा खायां पेट आफरै अर पेट में कीड़ा पड़ै। इण सारू हींग-ल्हसण भेळीजै। काचरी नै आयुर्वेद में मृगाक्षी कैवै। काचरी पण जूनो बिगड़ीयोड़ो जुखाम, पित्त, कफ, कब्ज, परमेह अर पैसाब रै रोगां नै ठीक करै। कैरिया गरम करै। पित्त बणावै पण सोजन मेटै अर पेट साफ करै। इमली अर गुड घोळ'र बणै अमलवाणी आ अमलवाणी धान पचावै। भूख बधावै। बाय-बादी मेटै। आखाबीज माथै आखै जूनै बीकानेर राज में खावणै-पीवणै, पैरनै -ओढणै अर सजणै-धजणै रा ठाट। इणी कारण कैईजै-
ऊंठ, मिठाई, इस्तरी, सोनो, गहणो साह।
पांच चीज पिरथी सिरे, वाह बीकाणा वाह।।
आखाबीज माथै पतंगबाजी री परापर। बीकानेर सैर रै आभै रा तो इण दिन भाग ई जागै। समूळो आभो किन्ना रै रंगां सू हळाडोभ। सूरज दिखै न आभो। चारूं कूंट किन्ना ई किन्ना। घर-गळी डागळां माथै 'बोई काटा' री गूँज। किन्ना उडावणियां अर लूंटणियां री भीड़ ऐकूंकार। ना कोई छोटो अर ना कोई मोटो। किन्ना रा नांव पण सांतरा। अध्धो, पूणो, झांफ, तिग्गो, टिकलियो, कोयलियो, फरियल, आंखल, मकड़ो, टीक्कल, ढूंगल, पूंछड़, भूतड़ आद नांव किन्ना रा। ढूंगै आळो किन्नो अर बिना ढूंगै आळो बजै किन्नी। पतंग उडावण आळी डोरी बजै मंझो। मंझो एहड़ो कै नस काट देवै। ओ मंझो तीन भांत रो होवै। सूतो या सादो, लुगदी आळो अर घोळियै आळो। सूती बजै अणसूंत्यो धागो। लुगदी आळो अर घोळियै आळो मंझो सूंतीजै। लुगदी आळो मंझो चावळां री मांड सूं सूंतीजै। पिसियोड़ो कांच, साबण, ईसबगोळ अर चावळ री मांड भेळ'र सून्तीजीयोड़ै धागै नै घोळियो मंझो केवै। ओ मंझो जबरो पक्को। इण मंझै सूं पेच लड़ाइजै। पेच ई लड़त बजै। लड़त में टाबर, बूढा-बडेरा अर लोग-लुगाई सब सामल। बीकानेर में कोठारी-कोचरां री लड़त, हकीम-काजी री लड़त अर नाई -धोबियां री लड़त नामी। पतंगा री लड़त रात ढळ्यां पछै तक चलै। इनाम राखीजै। होड मचै। साथै-साथै पण खावणा-पीवणा चालता रैवै।

5 comments:

  1. मायड़ भासा में आखर री ओल्याँ म्हने घणी घणी सुहाई ...कीर्ति राणा जी सूं म्हारो मेल राजसमन्द रा दिनां रो है..जद म्हें वठे डी टी ओ लागोडो हो.पैली तो भास्कर अर् राणा जी ने साधू वाद निजर करुँ ..आप जको धजा झाली है वा बीकानेर री थापना ज्यूँ संविधान में थिर्पे आ म्हारी मालिक सूं अरदास है..

    ओ लेख पढ़ ने जीव घणो सोरो व्हियों ... बधाई...!
    पी एस राठोड

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  2. Ghani chokhi baat batai sa Ghana Ghana rang purohit ji ne thand huya pachhe mhe bhi kinna udasya,pech ladasya. kinna or manjha tyar hai
    Santosh Pareek, Sandwa,Churu

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  3. bikaner ri tharpna mathe om purohit kagad ro alekh banc ar ghno hark huyo santre alekh khatar kagad ji ne mokly bhadai ar bhaskar parivar ne ghna ghna rang .
    -dr.madan gopal ladha mahajan 9982502969
    -mukesh kumar ranga mahajan 9928585425

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  4. Pandit ji,
    Ram-Ram sa,
    Bhai ji gheno hi puthro likho thye.Aakhateej or Aakhabhij donu hi ek hai.Aakhateej ro thye sampurn ithihas betyo.o tharo lekh nuvi pedi khatir gheno ki kam ro hai.emai mayer sanskirti or prempra ro bhander bhero pedyo hai.O Lekh Aaj ra segla tabbera nai vachano chaiya .
    Thara sega hi lekh ghena hi paviter or gyan balla huve.
    NARESH MEHAN

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  5. ओमजी भाई सा ..!
    बीकाणै री तो बात ही नीराळी है.!
    वाह बीकाणा वाह।।
    अर वाह भाई जी वाह ..!!
    शानदार लेखण सारू !
    -राजूराम बिजारनियाँ 'राज'
    लूनकरनसर
    9414449936

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