Sunday, March 22, 2009

२३ देस पुकारै वीर नै

आपणी भाषा-आपणी बात
तारीख- २३//२००९


देस पुकारै वीर नै,

नैणां भर-भर नीर


जस आखर लिखै जठै, वा धरती मर जाय।
संत सती अर शूरमा, ऐ ओझळ व्है जाय।।

साची कैयो, कवि हनुवन्तसिंह देवड़ा। इणी वास्तै वीर-शहीदां री गाथावां गाईजै। वां सूं प्रेरणावां लीरीजै। आज रो दिन भीड़ै वीर-शहीदां री गाथावां गावण रो दिन। 23 मार्च, 1931 शहीद--आजम सरदार भगतसिंह अर वां रा क्रांतिकारी साथी राजगुरू अर सुखदेव रो बलिदान-दिवस। आखो देस आज रै दिन वां नै याद करै। पंजाबी रा नांमी अर क्रांतिधर्मा कवि अवतारसिंह पाश रो नांव भी किणसूं छानो। आज रै दिन फगत 38 बरस री उमर में सन् 1988 नै वै आपरै गांव तलवंडी सलेम (जालंधर) मांय आतंकवादियां री गोळी सूं शहीद हुया। सरदार भगतसिंह रो कथन आज रै दिन याद करां- 'क्रांति बम अर पिस्तोल री संस्कृति नीं, क्रांति उण व्यवस्था रै खिलाफ संघर्ष है, जकी मिनख सूं मिनख रो शोषण करवावै।' आओ, आज रै दिन बांचां कवि रामस्वरूप किसान रा सरदार भगतसिंह रै नांव रचियोड़ा दूहा। फगत बांचा नीं, बांच-बांच' सुणावां। देसभगती री भावना जन-जन रै मन में जगावां।

खून दियो जिण वास्तै, बां रो पी'ग्या खून।
बूझै देस भगतसिंह, क्यूं बैठ्यो थूं मून।।

भगतसिंह तनै याद करूं, हिवड़ै जागै हूक।
आजादी रै थानड़ै, सीस चढायो मूक।।

काम करणिया आदमी, थानै रैया पुकार।
एकर औरूं पधारियो, भगतसिंह सरदार।।

औरूं लड़स्यां लाजमी, आजादी री जंग।
देस कवै सरदार नै, ले गे थानै संग।।

देस पुकारै वीर नै, नैणां भर-भर नीर।
एकर औरूं आवणा, धणी, बंधावण धीर।।

भगतसिंह थूं गयो कठै, रोवै मायड़भोम।
जोधा थारी बाट नै, जोवै मायड़भोम।।

आज रो औखांणो

सूर नंह पूछै टीपणो, सुकन नंह देखै सूर।

शूर पूछे पंचांग, शकुन देखे शूर।

ज्योतिषी के पास मुहूर्त शकुन पूछने वही व्यक्ति जाता है, जिसे जीवन के प्रति अत्यधिक मोह हो, जिसे मरने का अधिक डर हो, जो सुख-सुविधाएं भोगने का आकांक्षी हो और जिसे कमाने का प्रबल लोभ हो। लेकिन इसके विपरीत जो शूरवीर युद्ध में मरने को ही एकमात्र सुख मानता हो, भला वह मुहूर्त शकुन पूछने की खातिर ज्योतिषी के पास क्यों खामखाह चक्कर काटेगा!

कविराजा बांकीदास के दोहे का यह अंश कहावत के रूप में भी प्रचलित है। पूरा दोहा इस प्रकार है-

सूर नंह पूछै टीपणो, सुकन नंह देखै सूर।
मरणां नै मंगळ गिणै, समर चढै मुख नूर।।

(आज रो औखांणो- विजयदान देथा के 'राजस्थानी-हिंदी कहावत-कोश' से साभार)

2 comments:

  1. Bhai,
    Satanaryan,Vinod ji,
    Aaj Ramsawroop ji ra desh beghti ra duhha vanchiya,Bhagt singh, Rajguru,Sukhdev sing thaper ro aaj belidan dives hai.bikye upper tharo ojesvi urjavan desh bhegti ro josh ped ker rega mai khoon gtem ho geyo.E DESH BHEGTI DESH PREM LEKH KHATIR THANYI GHENHO SARO ASIRBAD.
    Aao miler salam kera banye
    Jikye hissye mai O mukam aayo hai
    Ghana hi khusnasib huvye
    wye log jikyo khoon
    Watan kai kam aavye hai.
    JAI HIND
    NARESH MEHAN
    9414329505

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  2. sahida ne naman..!
    kisan ji ne lakhdad hai..!!
    soni ji ar swami ji ro kam bhi lakhino..!!!
    -RAJ BIJARNIA
    LOONKARANSAR
    9414449936

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