Sunday, March 1, 2009

२ -नीलू-अरविंद


आपणी भाषा-आपणी बात
तारीख- //२००९

लोकतंत्र में लोक री वाणी रो आदर करो

राजस्थानी फिलम स्टार, निर्माता-निर्देशक नीलू अर अरविंद री जोड़ी घणी नांमी। आप राजस्थानी में मोकळी फिलमां बणाई जिणमें सूं नणद-भोजाई, सुपातर बीनणी, वीर तेजाजी, हिवड़ै सूं दूर मत जा, मां राजस्थान री आद घणी चावी हुयी। राजवुड रा ऐ कलाकार ओ स्तंभ 'आपणी भाषा-आपणी बात' भी इंटरनेट माथै बांचता रैवै। सरावणा करता रैवै। राज्य सरकार री राजस्थानी फिलमां नै एक बरस सारू मनोरंजन कर सूं मुगत करण री घोषणा पर आप ओ लेख 'भास्कर' सारू खास तौर सूं भेज्यो है। बांचो सा!

-नीलू-अरविंद

राजस्थानी फिलमां नै एक बरस सारू मनोरंजन कर सूं मुगत करण री राज्य सरकार री घोषणा स्वागत-जोग है। पण निर्णय ऊंट रा मूंडा में जीरा रै बरोबर है। राजस्थानी भासा साहित्य अर इतिहास री दीठ सूं जितरी समरिध है, उतरी सरकारी उपेक्षा रै कारण गरीब अर अपमानित भी।
राजस्थानी करोड़ा लोगां री मायड़भासा है। पण कीं चुणियोड़ा नेतावां री खुदगरजी अर लापरवाही रै कारण बीखो भोग रैयी है। इण निर्णय में भी आ ईज बू आवै। पिछली राज्य सरकार जयपुर में फिलम-सिटी बणावण सारू करोड़ों रिपिया तय करिया अर ओ काम अभिनेता धर्मेन्द्र नै सूंपियो। पण फिलम-सिटी बणै तो वा राजस्थानी फिलम सिटी व्हैणी चाहिजै। इण सारू की व्यवस्था नीं है। राजस्थान दिवस रा अर दूजा सरकारी जलसां में हॉलीवुड अर बॉलीवुड रा कलाकारां नै तो बुलाया जावै, पण राजवुड री फिलमी हस्तियां री घर में ई उपेक्षा मन नै घणी पीड़ा देवै। इतरी उपेक्षा रै बावजूद भी आज राजस्थानी में फिलमां बण रैयी है। राजस्थानी फिलमां री तादाद सौ सूं बेसी तक पूगगी है। ओ सब काम मायड़भासा अर संस्कृति सारू लगाव रै कारण व्है रियो है। पण राज्य री सरकार नै भी आपरी भासा री फिलमां नै बढावो देवण सारू भोत कुछ करण री दरकार है।
दूजा राज्यां में क्षेत्रीय फिलम उद्योग नै सरकारी संरक्षण मिलै है। ज्यूं भोजपुरी भासा भी राजस्थानी री भांत संवैधानिक मान्यता सारू संघर्ष करै पण उठै री राज्य सरकार भोजपुरी फिलमां रै बणावण सारू 30 लाख रिपिया अनुदान देवै। इणीज भांत दिखणादै भारत रा क्षेत्रीय फिलम उद्योग सारू उठै री सरकार कई सुविधावां देय राखी है। जिण मुजब राजस्थानी फिलमां मनोरंजन कर सूं मुगत हमेस वास्तै करी जावणी चाहिजै। राजस्थानी फिलम बणावण सारू सरकारी अनुदान दियो जावै। प्रदेश रा हर फिलम हॉल में सप्ताह में एक दिन राजस्थानी फिलम अनिवार्य रूप सूं लगावा रो नियम बणायो जावै। डीडी राजस्थान चैनल नै डीडी राजस्थानी करियो जावै। राजस्थान री प्रतिभावां नै आगै बधावण नै अर भासा-संस्कृति-इतिहास रै संरक्षण सारू अर नवी पीढी नै भासा-संस्कृति सूं जोड़ियाँ राखण सारू राजस्थानी फिलम-सिटी बणावणी चाहिजै। राजवुड रा राजस्थानी कलाकारां अर कवियां नै सरकारी आयोजनां में खास महत्त्व दियो जावै। राजस्थानी भासा नाट्य समारोह री नियमित अर स्थिर परंपरा सरकार सरू करै। राजस्थान सरकार ऊपरी मन सूं नईं अन्तरमन सूं इण वास्तै सोचै अर करै। ओ विणरो काम है जो करणो चाहिजै। ऐ कोई नवो नीं करैला। देस रा दूजा राज्यां री सरकारां पैली सूं ई कर रैयी है। देर सूं ई सही पण करो। राजी-राजी करो तो आछो। पछै जनता रा दबाव सूं करस्यो। क्यूंकै प्रदेश री जनता अबै इण बारा में सोचण लागगी है, जो शुभ है। लोकतंत्र में लोक री वाणी रो आदर करो अर लोकतंत्र नै मजबूत करो।
जै राजस्थान-जै राजस्थानी!


आज रो औखांणो

आपरी पाग आपरै हाथै, पगां राळो कै राखो माथै।
अपनी पगड़ी अपने हाथ, पांवों में पटको या रखो माथ।

1 comment:

  1. Bhai Satyanaryan, vinod sawmi
    Ram-Ram sa,
    Loktenter mai lok ri vani ro aader kero, nilu-arvind ro lekh pedyeio.bilkul sachho likheyoa hai. sarkari upekcha re karn bhasha apmanit ho rehi hai.filma bhasha, sankirti aur prempera ro bhut hi sesekht madyem hai. Rajasthani kahaniya.kal, senskirti ro sabsu jayda fayada Boibood utha rehai hai mahre aapne prdesh mai bi khatir ki koni ho rehyo hai.Nilu- arvind ro dard sachho hai.aapne aur sarkar nai e khatir ki kaerno pedsi.Rajasthani filma nai anudan mile , rajasthani kalakar, likhara sara ro samman hono chhiyi.
    Thane aur nilu- arvind nai ghani- ghani subhkamnaye.
    NARESH MEHAN
    9414329505

    ReplyDelete

आपरा विचार अठै मांडो सा.

आप लोगां नै दैनिक भास्कर रो कॉलम आपणी भासा आपणी बात किण भांत लाग्यो?