आपणी भाषा-आपणी बात
तारीख- २७/२/२००९
स्टार वन रा लाफ्टर चैंपियन हास्य सम्राट ख्याली सहारण नै कुण कोनी जाणै! आपरो जलम सन 1975 में पीळीबंगा तहसील रै गांव 18 एसपीडी में होयो। कई फिल्मां में आप प्रमुख भूमिका निभाई है। इंटरनैट पर आप 'आपणी भाषा-आपणी बात' लगोलग बांचता रैवै। ओ लेख आप 'भास्कर' रै पाठकां सारू खासतौर सूं भेज्यो है।
आपणी भासा में जित्तो रस, बित्तो दुनियां री किणी भासा में नीं। म्हैं कई भासावां में प्रोग्राम करूं। पण गांव में भाई-बेलियां सागै जिका हांसी-ठट्ठा होवै, बां में जिको मजो आवै, बिस्यो मजो और कठैई कोनी आवै। प्रोग्राम करण खातर देस अर विदेस में भी जिग्यां-जिग्यां जावणो पड़ै। आजकाल मुम्बई में बसूं। पण मन तो मायड़भोम अर मायड़भासा में ई रमै। म्हनै चंद्रसिंह बिरकाळी रो ओ दूहो हमेस चेतै रैवै-
जद-जद राजस्थान, पंजाब, दिल्ली या हरियाणै आवणो हुवै, गांव जरूर आवूं। लारला दिनां गांव आयो जणां सौळा गोळी खरीदी काच री। हेलो मारयो, संगळियां नै कै आ ज्याओ भई, मांडल्यो पाणा, खोदल्यो घुच्ची। इंचल्यो! सारै दिन काच गोळी खेलता। इत्ता ठाट आया कै मत पूछो बात!
बडा-बडा फाइव स्टार होटलां में बो मजो कठै जको सूरतगढ़ में काळियै आळै ढाबै री चा में है। काळियो धारी आळै गिलास में जकी चा प्यावै, बा इमरत सूं मूंघी।
म्हनै पढाई सूं भोत प्यार हो। इत्तो प्यार हो, इत्तो प्यार हो, कै तीन-तीन साल एक ई क्लास झाल्यां राखी। दसवीं में तीन साल रैयो। अर आगै को सरक्यो नीं। फेर प्राइवेट पास करी। पण म्हैं दुनियां नै भोत बांची। म्हनै म्हारी मायड़भोम सूं डाडो लगाव है। मायड़भोम रो हेत म्हनै गांव कानी खींचै। अब म्हैं एज्यूकेशन आळो बाजार गाम में ई खोलण लागरयो हूं। जकै नीम रै नीचै मेरो पढण नै जी कोनी करतो, बीं नीम रै साम्हीं इस्यो स्कूल बणसी, जठै पढण नै जी करसी।
मायड़भासा री मान्यता सारू म्हैं लगोलग अखिल भारतीय राजस्थानी भासा मान्यता संघर्ष समिति रै पदाधिकारियां सूं बंतळ करतो रैवूं। देस रा नामचीन नेतावां-मंत्रियां सूं भी इण मुद्दे पर बातां करी। म्हैं आजकाल राजस्थानी भासा, साहित्य अर संस्कृति नै गहराई सूं जाणन री कोसिस कररयो हूं। राजस्थानी रै साहित्यकारां सूं चर्चावां चालती रैवै। राजस्थानी में हास्य अलबम री तैयारी में हूं। मायड़भासा में काम म्हैं म्हारै सुकून वास्तै कररयो हूं। असल में तो म्हारै होटां मायड़भासा ई ओपै। जिकी बातां मायड़भासा में कर सकूं। बै दूसरी भासा में जचै ई कोनी। गाम री बातां करतां-करतां एक बात याद आ'गी। सुणो-
छोटो सो गाम होवै। गाम में एक डाक्टर दुकान खोलै। तंदरुस्त रैवै गाम गा लोग। गामैं बीमार-बीमूर कोई होवै कोनी। डाक्टर गो काम चालै कोनी। तो डॉक्टर दवाई गै सागै-सागै पैंचर काढण आळो समान रखल्यै। कीं चप्पल-चूप्पल रखल्यै, कीं कापी-किताब, कीं मटियो तेल, कीं डीजल अर कीं पैंट्रोल रखल्यै।
रातनै एक दिन एक ताई आ'गी। बोली, बेटा! पेट दूखै। डाक्टर आंख मसळतां-मसळतां खड़्यो होयो। दवाई आळी सीसी तो हाथ आई कोनी। पैंट्रोल आळी आ'गी। भरगे ठोक दियो इंजैक्सन। अब ताई तो हो'गी स्टार्ट। ताई आगै अर डाक्टर लारै। गामैं काटै गे़डा। हाथ क्यांगी आवै! जणां रोळो मचायो, भाजो रे भाजो, ताई स्टार्ट हो'गी, ताई स्टार्ट हो'गी!
गाम गां टैक्टर काढ लिया। आगै ताई लारै टैक्टर। ताई किस्सी हाथ आज्यै! बोलो, हाथ कियां आवै! टैक्टर डीजल पर, ताई पैट्रोल पर। ........दिनगे च्यार बजे जा'गे ताई पड़ी। जणां लोग भेळा होया, अरै सुट्टो मारगी रै,...ताई सुट्टो मारगी।
तारीख- २७/२/२००९
स्टार वन रा लाफ्टर चैंपियन हास्य सम्राट ख्याली सहारण नै कुण कोनी जाणै! आपरो जलम सन 1975 में पीळीबंगा तहसील रै गांव 18 एसपीडी में होयो। कई फिल्मां में आप प्रमुख भूमिका निभाई है। इंटरनैट पर आप 'आपणी भाषा-आपणी बात' लगोलग बांचता रैवै। ओ लेख आप 'भास्कर' रै पाठकां सारू खासतौर सूं भेज्यो है।
म्हारै होटां मायड़भासा ई ओपै
-ख्याली सहारण
-ख्याली सहारण
आपणी भासा में जित्तो रस, बित्तो दुनियां री किणी भासा में नीं। म्हैं कई भासावां में प्रोग्राम करूं। पण गांव में भाई-बेलियां सागै जिका हांसी-ठट्ठा होवै, बां में जिको मजो आवै, बिस्यो मजो और कठैई कोनी आवै। प्रोग्राम करण खातर देस अर विदेस में भी जिग्यां-जिग्यां जावणो पड़ै। आजकाल मुम्बई में बसूं। पण मन तो मायड़भोम अर मायड़भासा में ई रमै। म्हनै चंद्रसिंह बिरकाळी रो ओ दूहो हमेस चेतै रैवै-
जावां च्यारूं कूंट में, जोवां जगत तमाम।
निसदिन मन रटतो रवै, प्यारो मरूधर नाम।।
'ख्यालीजी, ख्यालीजी' सुणतां-सुणतां आखतो हुय ज्यावूं जणां 'ख्यालियो' सुणन खातर गांव में आवूं। 'ख्यालियै' में जिकी अपणायत अर प्यार ढुळै बो 'ख्यालीजी' में कठै! ख्यालियो सुण्यां काळजो ठंडो हूज्यै, काया तिरपत हूज्यै। मां री गोद में जिकी ममता है, बा दूजी ठोड़ कठै! म्हैं मायड़भोम अर मायड़भासा नै कदे को भूलूं नीं।निसदिन मन रटतो रवै, प्यारो मरूधर नाम।।
जद-जद राजस्थान, पंजाब, दिल्ली या हरियाणै आवणो हुवै, गांव जरूर आवूं। लारला दिनां गांव आयो जणां सौळा गोळी खरीदी काच री। हेलो मारयो, संगळियां नै कै आ ज्याओ भई, मांडल्यो पाणा, खोदल्यो घुच्ची। इंचल्यो! सारै दिन काच गोळी खेलता। इत्ता ठाट आया कै मत पूछो बात!
बडा-बडा फाइव स्टार होटलां में बो मजो कठै जको सूरतगढ़ में काळियै आळै ढाबै री चा में है। काळियो धारी आळै गिलास में जकी चा प्यावै, बा इमरत सूं मूंघी।
म्हनै पढाई सूं भोत प्यार हो। इत्तो प्यार हो, इत्तो प्यार हो, कै तीन-तीन साल एक ई क्लास झाल्यां राखी। दसवीं में तीन साल रैयो। अर आगै को सरक्यो नीं। फेर प्राइवेट पास करी। पण म्हैं दुनियां नै भोत बांची। म्हनै म्हारी मायड़भोम सूं डाडो लगाव है। मायड़भोम रो हेत म्हनै गांव कानी खींचै। अब म्हैं एज्यूकेशन आळो बाजार गाम में ई खोलण लागरयो हूं। जकै नीम रै नीचै मेरो पढण नै जी कोनी करतो, बीं नीम रै साम्हीं इस्यो स्कूल बणसी, जठै पढण नै जी करसी।
मायड़भासा री मान्यता सारू म्हैं लगोलग अखिल भारतीय राजस्थानी भासा मान्यता संघर्ष समिति रै पदाधिकारियां सूं बंतळ करतो रैवूं। देस रा नामचीन नेतावां-मंत्रियां सूं भी इण मुद्दे पर बातां करी। म्हैं आजकाल राजस्थानी भासा, साहित्य अर संस्कृति नै गहराई सूं जाणन री कोसिस कररयो हूं। राजस्थानी रै साहित्यकारां सूं चर्चावां चालती रैवै। राजस्थानी में हास्य अलबम री तैयारी में हूं। मायड़भासा में काम म्हैं म्हारै सुकून वास्तै कररयो हूं। असल में तो म्हारै होटां मायड़भासा ई ओपै। जिकी बातां मायड़भासा में कर सकूं। बै दूसरी भासा में जचै ई कोनी। गाम री बातां करतां-करतां एक बात याद आ'गी। सुणो-
छोटो सो गाम होवै। गाम में एक डाक्टर दुकान खोलै। तंदरुस्त रैवै गाम गा लोग। गामैं बीमार-बीमूर कोई होवै कोनी। डाक्टर गो काम चालै कोनी। तो डॉक्टर दवाई गै सागै-सागै पैंचर काढण आळो समान रखल्यै। कीं चप्पल-चूप्पल रखल्यै, कीं कापी-किताब, कीं मटियो तेल, कीं डीजल अर कीं पैंट्रोल रखल्यै।
रातनै एक दिन एक ताई आ'गी। बोली, बेटा! पेट दूखै। डाक्टर आंख मसळतां-मसळतां खड़्यो होयो। दवाई आळी सीसी तो हाथ आई कोनी। पैंट्रोल आळी आ'गी। भरगे ठोक दियो इंजैक्सन। अब ताई तो हो'गी स्टार्ट। ताई आगै अर डाक्टर लारै। गामैं काटै गे़डा। हाथ क्यांगी आवै! जणां रोळो मचायो, भाजो रे भाजो, ताई स्टार्ट हो'गी, ताई स्टार्ट हो'गी!
गाम गां टैक्टर काढ लिया। आगै ताई लारै टैक्टर। ताई किस्सी हाथ आज्यै! बोलो, हाथ कियां आवै! टैक्टर डीजल पर, ताई पैट्रोल पर। ........दिनगे च्यार बजे जा'गे ताई पड़ी। जणां लोग भेळा होया, अरै सुट्टो मारगी रै,...ताई सुट्टो मारगी।
आज रो औखांणो
आपरो घर सूझै सौ कोसां।
देश-परदेश कहीं भी जाओ अपना घर कभी आँखों से ओझल नहीं होता।
प्रस्तुति : सत्यनारायण सोनी अर विनोद स्वामी, परलीका,
वाया-गोगामे़डी, जिलो- हनुमानगढ़ -335504.
कानांबाती-9602412124, 9829176391
कोरियर री डाक इण ठिकाणै भेजो सा!
सत्यनारायण सोनी, द्वारा- बरवाळी ज्वेलर्स, जाजू मंदिर, नोहर-335523.
राजस्थानी रा लिखारां सूं अरज- आप भी आपरा आलेख इण स्तम्भ सारू भेजो सा!
आपरो घर सूझै सौ कोसां।
देश-परदेश कहीं भी जाओ अपना घर कभी आँखों से ओझल नहीं होता।
प्रस्तुति : सत्यनारायण सोनी अर विनोद स्वामी, परलीका,
वाया-गोगामे़डी, जिलो- हनुमानगढ़ -335504.
कानांबाती-9602412124, 9829176391
कोरियर री डाक इण ठिकाणै भेजो सा!
सत्यनारायण सोनी, द्वारा- बरवाळी ज्वेलर्स, जाजू मंदिर, नोहर-335523.
राजस्थानी रा लिखारां सूं अरज- आप भी आपरा आलेख इण स्तम्भ सारू भेजो सा!
Bhai khayli,
ReplyDeleteRan-Ram sa,
Khayli aapni bhasha mai tharo kheyal acchao aayohai.mayer bhasha ro sabsu jayda mejjo thye liyo aur diyo hai.aaj thari mithi-mithi batta pedi.seglo mundo icecrem ri treh mitho aur thendo ho geyo.ped ker ghano hi sakoon milyio hai thye abhi bhi gavn nai aur bhasha nai nahi bhulya hai.thane o mukam mayer bhasha re karen hi hasil hoyio hao.aapni bhasha mai minkh aapni baat jayda prbhav su khe sake.
thare aur sara re hotan per mayer bhasha e opye.
thane e payre aur mithe lekh khatir dhanyabad.
Bhai satynaryan,vinod,
keyi sahera mai goomeya keyi sahera mai soyia
lakin ab gher ro bister hi accho lage hai.
thane sadhu bad theye to mayer bhash ra sant ho geya ho.
NARESH MEHAN
9414329505
khayali saran ne mayar bhasa ro man akhe bharat me badhayo ha bane mari mokli badhai
ReplyDeletemukesh ranga mahajan bkn 09928585425 mukeshmranga@gmail.com
thanks for this passege cause i read it daily. your this programme is realy will be success.
ReplyDeleteHARIRAM BISHNOI
MOTYAR PARISAD
9214164455
जै राजस्थानी री
ReplyDeleteख्याली भाई रो राजस्थान अर राजस्थानी स्यु लगाव घणो है ईण रो ओ लेख पढ र घणो जीसोरो हुयो,अर आगे ई ओर ईसा लेख ओर लीख ऱ जीसोरो करावता रेवेला आ म्हारी मनस्या है। ख्याली भाई न मोकळी-मोकळी बधाई।