Monday, February 16, 2009

१७ मान बध्यो मायड़ रो

आपणी भाषा-आपणी बात तारीख- १७//२००९

ओबामा सरकार नै घणा-घणा रंग

मान बध्यो मायड़ रो

-हरिमोहन सारस्वत

हरिमोहन सारस्वत रो जलम 14 सितम्बर, 1971 नै हनुमानगढ़ मांय हुयो। राजस्थानी रा समरथ लिखारा। 'गमियोड़ा सबद' कविता संग्रै माथै मारवाड़ी सम्मेलन, मुम्बई रो घनश्यामदास सराफ सर्वोत्तम साहित्य पुरस्कार समेत मोकळा मान-सनमान। राजस्थानी आंदोलन रा आगीवांण। श्रीगंगानगर सूं आखै राजस्थान घूमता थकां नई दिल्ली तक री मायड़भासा-सनमान जातरा रा संयोजक रैया। अबार अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति रा प्रदेश पाटवी। आज बांचो, आं री कलम री कोरणी- ओ खास लेख।

राजस्थानियां वास्तै आज हरख-उमाव रो दिन है। खुशियां मनावण रो दिन है। नाचण-गावण रो दिन है। मौज मनावण रो दिन है। दुनिया रै सब सूं तागतवर मानीजण वाळै देस अमरीका राजस्थान री भासा नै सरकारी स्तर पर मान्यता देय'र राजस्थान अर राजस्थानी रो मान बधायो है। अमरीका सरकार रै राजनीतिक पदां सारू जका आवेदन करीजैला, वां में दुनिया री 101 भासावां में सूं किणी भासा रा जाणकार आवेदन कर सकैला। वां में सूं 20 भासावां भारत री है। जिणां मांय सूं मारवाड़ी, हरियाणवी, छतीसगढ़ी, भोजपुरी, अवधी अर मगधी ऐड़ी भासावां हैं जिकी अजे तांईं भारतीय संविधान री आठवीं अनुसूची में आपरी जिग्यां नीं थरप सकी।
राजस्थान रा जका लोग बारै बसै, वां नै मारवाड़ी अर वां री भासा पण मारवाड़ी नांव सूं जाणीजै। अमरीका में 'राजस्थान एशोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमरीका' (राना) नांव सूं एक जबरो संगठन है। राना रा प्रतिनिधि डॉ. शशि शाह बतावै कै अमरीका में राजस्थानी रै पर्याय रूप में मारवाड़ी सबद घणो चलन में है। मारवाड़ी राजस्थानी रो ई दूजो नांव है।
अमरीका सरकार हरियाणवी नै भी मान्यता दीनी है। हरियाणवी भी राजस्थानी भासा रो एक रूप है। भासा वैग्यानिकां घणकरै हरियाणा प्रांत नै राजस्थानी भासी क्षेत्र रै रूप में गिण्यो है। हरियाणवी अर राजस्थानी संस्कृति एकमेक है, तो भासा री समरूपता रै ई कारण।
अमरीका री शिकागो यूनिवर्सिटी मांय भी राजस्थानी बरसां सूं पढ़ाई जावै। इण यूनिवर्सिटी मांय राजस्थानी रो न्यारो-निरवाळो विभाग भी थरपीजियोड़ो है। अमरीका री एक संस्था 'लायब्रेरी ऑफ कांग्रेस' बरसां पैली विश्व भासा सर्वेक्षण करवायो तो दुनिया री तेरह समृद्धतम भासावां में राजस्थानी आपरी ठावी ठोड़ थरपी।
जिकी भासा रो दुनिया में इत्तो मान-सम्मान। वा आपरै घर राजस्थान में ई दुत्कारीजै तो काळजो घणो ई बळै। आपरी मायड़ रो ओ अपमान सहन नीं हुवै। कित्ती अजोगती बात है कै राजस्थान रो एक विधायक, जको राजस्थान रो जायो-जलम्यो, राजस्थानी माटी में पळ्यो-बध्यो, राजस्थानी भासा रा संस्कार लेय'र विधानसभा पूग्यो। राजस्थान री विधानसभा में बो दूजी २२ भासावां में भासण देय सकै, पण आपरी मायड़भासा में शपथ भी नीं लेय सकै! राजस्थान रै स्कूलां में पैली भासा रै रूप मांय हिन्दी पढ़ाई जावै। राजस्थानी लोग उणरो स्वागत करै। पण दूसरी भासा रै रूप में राजस्थानी री मांग करै। पण राजस्थानी तो तीजी भासा रै रूप में भी नीं सिकारीजै। तीजी भासा रै रूप में दूजै प्रांतां री दर्जनभर भासावां पढ़ाई जावै, तो राजस्थान री राजस्थानी क्यूं नीं? सेठियाजी कैयो-
आठ करोड़ मिनखां री मायड़
भासा समरथ लूंठी।
नहीं मानता द्यो तो टांगो
लोकराज नै खूंटी।।
अमरीका में बसण वाळा राजस्थानियां नै घणा-घणा रंग! ओबामा सरकार नै घणा-घणा रंग! वां राजस्थान अर राजस्थानी रो मान बधायो है। 21 फरवरी दुनियाभर में 'विश्व मातृभाषा दिवस' रै रूप में मनाइजै। अखिल भारतीय राजस्थानी भासा मान्यता संघर्ष समिति राजस्थानी नै संवैधानिक मानता री मांग नै लेय'र प्रदेश रा सगळा संभाग मुख्यालयां पर धरना-प्रदर्शन अर मुखपत्ती सत्याग्रह करैला। आपां नै भी आपणी भासा रै मान-सनमान वास्तै लारै नीं रैवणो है।

आज रो औखांणो
मां कैवतां मूंडो भरीजै।
माँ शब्द का उच्चारण ही ऐसा सार्थक है कि मुँह भरा-भरा लगता है। माँ का रिश्ता सब रिश्तों से बड़ा है। क्योंकि उसकी कोख से ही सारी दुनिया जन्म लेती है।

प्रस्तुति : सत्यनारायण सोनी अर विनोद स्वामी, परलीका, वाया-गोगामे़डी, जिलो- हनुमानगढ़ -335504
कोरियर री डाक इण ठिकाणै भेजो सा!
सत्यनारायण सोनी, द्वारा- बरवाळी ज्वेलर्स, जाजू मंदिर, नोहर 335504
email-aapnibhasha@gmail.com
blog-aapnibhasha.blogspot.com
राजस्थानी रा लिखारां सूं अरज- आप भी आपरा आलेख इण स्तम्भ सारू भेजो सा!

1 comment:

  1. Bhai Harimohan,
    Ram - Ram
    Thari battan aapnibhasa mai pdee. man bedhyo mayer ro. Obama aur thane dona nai ghan ghani bhadiyan.tharo prayas ek din jaroor reng layego.
    sache dil su kerero prayas.ghano hi saffel huve. Ek din to rajasthni nai maneyta milsi e khatir aapara nata nai sochno pedsi.
    thane mokli-mokli- subhkamnai.
    NARESH MEHAN
    HANUMANGARH JN

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