Thursday, February 12, 2009

१३ हिम्मत कीमत होय

आपणी भाषा-आपणी बात
तारीख- १३//२००९


हिम्मत कीमत होय,

बिन हिम्मत कीमत नहीं।

राजस्थान मांय भांत-भांत रा लौकिक प्रवाद प्रचलित है। एक प्रवाद इण भांत है-

मेहा तो बरसत भला

एक सेठ परदेस सूं मोकळी माया कमाय'र देस आवै हो। धन सूं लदियोड़ा ऊंट-घोड़ा साथै हा। उण रो परवार भी रथ रै सागै ई चालै हो। बरखा रा दिन हा। सेठ रो सारो साथ एक नदी रै सूकै पाट मांय मौज सूं चाल्यो आवै हो। इतरै में ई चाणचूकी नदी में पूर, मतलब बाढ़ आयगी। सारो साथ पाणी में बैयग्यो। संजोग सूं एक लकड़ो सेठ रै हाथ आयो अर उण रै सहारै सेठ रा प्राण ऊबरिया। सेठ नदी रै किनारै पूग'र बोल्यो-

सौ घोड़ा, सौ करहला, पूत-सपूती जोय।
मेहा तो बरसत भला, होणी हो सो होय।।

राजस्थान में पाणी री तंगी। लोग बादळां नै उडीकता रैवै। इण वास्तै सर्वनाश री हालत में 'मेहा तो बरसत भला' कैय'र संतोष मानियो। इण प्रवाद रो सार ओ है कै घोर संकट में फंस'र भी हिम्मत हार नहीं होवणो है। कवि किरपाराम बारहठ भी कैयो है कै हिम्मत री'ज कीमत है अर बिना हिम्मत मिनख रद्दी कागद री भांत है।

हिम्मत कीमत होय, बिन हिम्मत कीमत नहीं।
करै न आदर कोय, रद कागद ज्यूं राजिया।।

तो हिम्मत में ई जीवण री सफळता है। एक लोककथा इण भांत है-

जीवैगा नर तो और करैगा घर

एक सेठ समंदर पार रै देस सूं मोकळो धन कमाय'र कई बरसां बाद देस आवै हो। माल सूं भरियोडै जहाज मांय सेठ रो परवार भी हो। जहाज समंदर नै पार करतो-करतो देस री धरती रै नै़डै-सी पूग्यो। चाणचूकी पाणी में लुकियोड़ी एक चट्टान सूं टकराय'र जहाज टूटग्यो। सारी सम्पत्ति अर सेठ रो परवार पाणी में डूबग्यो। करमजोग सूं एकलो बाणियो ऊबरियो अर किनारै आ लाग्यो। धरती पर पग टेकतां ई बाणियै आपरी मूंछां पर ताव दियो। कई लोग आ लीला देखता हा। उणां नै घणो अचरज हुयो। बिपदा री इण बेळा में मूंछां रै ताव देवण रो कारण पूछ्यो। बाणियो बोल्यो- 'जीवैगा नर तो और करैगा घर'। बाणियै री हिम्मत देख'र लोग चकित हुयग्या। पछै बाणियो एक नगर में आयो। एक सेठ रै नौकरी करी। नौकरी सूं थोड़ा-सा दाम भेळा हुया तो पछै एक दुकान खोली। दुकान खूब चाली अर थोड़ा ई बरसां में बाणियो पाछो सेठ बणग्यो। पछै आपरो ब्याव करियो अर समै सारू परवार रो धिराणो भी हुयग्यो।
आज रो औखांणो
हिम्मत मरदां री, मदत खुदा री।
हिम्मत मर्द की, मदद खुदा की।
आदमी को हिम्मत रखकर खूब मेहनत करनी चाहिए फिर ईश्वर भी उसकी मदद में कोई कमी नहीं रखेगा।
प्रस्तुति : सत्यनारायण सोनी अर विनोद स्वामी, परलीका, वाया- गोगामे़डी,
जिलो-हनुमानगढ़ (राजस्थान) 335504
कूरियर सूं डाक इण ठिकाणै भेजो सा!
सत्यनारायण सोनी द्वारा बरवाळी ज्वेलर्स, जाजू मंदिर, नोहर, जिलो- हनुमानगढ़ ३३५५२३
कानाबाती-9602412124
email- aapnibhasha@gmail.com
blog- aapnibhasha.blogspot.com

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