तारीख- ५/५/२००९
नेता बैठ्यो ताकड़ी,
चमचा घालै बाट
-रामस्वरूप किसान
नेता बैठ्यो ताकड़ी, चमचा घालै बाट।
परजा देखै बापड़ी, बां लोगां रा ठाठ।।
तोलो करतब-ताकड़ी, नेतावां नै घाल।
तोलो क्यूं उण ताकड़ी, जिण में तूलै माल।।
मन काळो तन ऊजळो, कोनी मूंढै काण।
सिर पर गंठड़ी झूठ री, नेतावां पैचाण।।
मिंदर संग मसीत नैं, लड़ा न आई लाज।
करणो चावै मिनखड़ा! लासां ऊपर राज।।
टूटै सारो देसड़ो, बोट न टूटै एक।
नेतां री इण नीत सूं, सायब राखै टेक।।
लासां माथै बोट ले, हरख्या नेता जीत।
परजा आंगण पीटणो, बां रै आंगण गीत।।
आं कारां में बावळा! बळै कमेरो खून।
स्याणो माणस नीं चढै, चढै मारियो पून।।
लासां ऊपर गीध ज्यूं, गद्दी ऊपर आज।
पूत लड़ै इण देस रा, कोनी आवै लाज।।
झटका देख चुणाव रा, देख चुणावां भेस।
लाठी बाजै देस में, लूटण खातर देस।।
इबकै-इबकै बेलियो, ओरूँ देद्यो बोट।
पांच साल में नईं सिक्या, काचा रैयग्या रोट।।
काढ्यो तेल किसान रो, बाती बण्यो मजूर।
दोनूं बळ दीपावळी, करै अंधारो दूर।।
आज रो औखांणो
हाथ में माळा अर पेट में कुदाळा।
पाखंडी अर कपटी लोगां सारू ओ औखांणो कैयो जावै।
चमचा घालै बाट
-रामस्वरूप किसान
नेता बैठ्यो ताकड़ी, चमचा घालै बाट।
परजा देखै बापड़ी, बां लोगां रा ठाठ।।
तोलो करतब-ताकड़ी, नेतावां नै घाल।
तोलो क्यूं उण ताकड़ी, जिण में तूलै माल।।
मन काळो तन ऊजळो, कोनी मूंढै काण।
सिर पर गंठड़ी झूठ री, नेतावां पैचाण।।
मिंदर संग मसीत नैं, लड़ा न आई लाज।
करणो चावै मिनखड़ा! लासां ऊपर राज।।
टूटै सारो देसड़ो, बोट न टूटै एक।
नेतां री इण नीत सूं, सायब राखै टेक।।
लासां माथै बोट ले, हरख्या नेता जीत।
परजा आंगण पीटणो, बां रै आंगण गीत।।
आं कारां में बावळा! बळै कमेरो खून।
स्याणो माणस नीं चढै, चढै मारियो पून।।
लासां ऊपर गीध ज्यूं, गद्दी ऊपर आज।
पूत लड़ै इण देस रा, कोनी आवै लाज।।
झटका देख चुणाव रा, देख चुणावां भेस।
लाठी बाजै देस में, लूटण खातर देस।।
इबकै-इबकै बेलियो, ओरूँ देद्यो बोट।
पांच साल में नईं सिक्या, काचा रैयग्या रोट।।
काढ्यो तेल किसान रो, बाती बण्यो मजूर।
दोनूं बळ दीपावळी, करै अंधारो दूर।।
आज रो औखांणो
हाथ में माळा अर पेट में कुदाळा।
पाखंडी अर कपटी लोगां सारू ओ औखांणो कैयो जावै।
कविता ब्होत अच्छी लागी । चुनाव रै टेम पै इसी कविता री जरूरत है ।
ReplyDeleteBhai,
ReplyDeleteRam sawroop ji
Thari kavita vanchi ghani hi kerari lagi
NARESH MEHAN