92 फीसदी स्कूलों में होती है मातृभाषा में पढ़ाई
21 Jan 2007, 1911 hrs IST,भाषा नई दिल्ली (भाषा) : जहां एक ओर पूरी दुनिया में बोलचाल की भाषा के रूप में अंग्रेजी का दबदबा बढ़ रहा है, वहीं भारत में ऐसे स्कूलों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जहां मीडियम के रूप में मातृभाषा को तरजीह दी जाती है। यह बात एक सरकारी सर्वे में सामने आई है।
नैशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर और राज्य सरकारों के सहयोग से एनसीईआरटी द्वारा यह सर्वे साल 2002 में शुरू किया गया था। इसमें कहा गया है कि मौजूदा समय में प्राथमिक स्तर पर 92 फीसदी स्कूलों में मातृभाषा में पढ़ाई होती है। ऐसे स्कूलों की संख्या साल 1996 में 91 फीसदी थी।
सर्वे में बताया गया है कि देश में कुल 13 लाख 62 हजार 945 स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी लेवल के 8 लाख 50 हजार 421, अपर प्राइमरी लेवल के 3 लाख 37 हजार 980, सेकंडरी लेवल के 1 लाख 30 हजार 675 और हायर सेकंडरी लेवल के 43 हजार 869 स्कूल हैं। 1996 में स्कूलों की संख्या कुल 10 लाख 41 हजार 278 थी। सर्वे में यह भी कहा गया है कि जहां एक ओर 1996 में 88.64 फीसदी अपर प्राइमरी स्कूलों में मातृभाषा में शिक्षा दी जाती, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 91.34 हो गई है।
सर्वे के मुताबिक देश में प्राइमरी लेवल के 46 फीसदी, अपर प्राइमरी लेवल के 47 फीसदी, सेकंडरी लेवल के 41 फीसदी और हायर सेकंडरी लेवल के 48 फीसदी स्कूलों में हिंदी मीडियम से पढ़ाई होती है।
सर्वे के मुताबिक मातृभाषा में शिक्षा देने वाले स्कूलों में ग्रामीण इलाकों के 92.39 फीसदी स्कूल हैं। पिछले एक दशक में यह आंकड़ा बढ़कर 91.70 फीसदी हो गया है। उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी नियमित अंतराल पर यह सर्वे कराता है, जिससे सरकार को देश में शिक्षा संबंधी नीतियों के निर्धारण में मदद मिलती है।
नैशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर और राज्य सरकारों के सहयोग से एनसीईआरटी द्वारा यह सर्वे साल 2002 में शुरू किया गया था। इसमें कहा गया है कि मौजूदा समय में प्राथमिक स्तर पर 92 फीसदी स्कूलों में मातृभाषा में पढ़ाई होती है। ऐसे स्कूलों की संख्या साल 1996 में 91 फीसदी थी।
सर्वे में बताया गया है कि देश में कुल 13 लाख 62 हजार 945 स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी लेवल के 8 लाख 50 हजार 421, अपर प्राइमरी लेवल के 3 लाख 37 हजार 980, सेकंडरी लेवल के 1 लाख 30 हजार 675 और हायर सेकंडरी लेवल के 43 हजार 869 स्कूल हैं। 1996 में स्कूलों की संख्या कुल 10 लाख 41 हजार 278 थी। सर्वे में यह भी कहा गया है कि जहां एक ओर 1996 में 88.64 फीसदी अपर प्राइमरी स्कूलों में मातृभाषा में शिक्षा दी जाती, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 91.34 हो गई है।
सर्वे के मुताबिक देश में प्राइमरी लेवल के 46 फीसदी, अपर प्राइमरी लेवल के 47 फीसदी, सेकंडरी लेवल के 41 फीसदी और हायर सेकंडरी लेवल के 48 फीसदी स्कूलों में हिंदी मीडियम से पढ़ाई होती है।
सर्वे के मुताबिक मातृभाषा में शिक्षा देने वाले स्कूलों में ग्रामीण इलाकों के 92.39 फीसदी स्कूल हैं। पिछले एक दशक में यह आंकड़ा बढ़कर 91.70 फीसदी हो गया है। उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी नियमित अंतराल पर यह सर्वे कराता है, जिससे सरकार को देश में शिक्षा संबंधी नीतियों के निर्धारण में मदद मिलती है।
लिंक - http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/1359576.cms
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