करीब 15 बरस पैली आचार्य श्री महाप्रज्ञ भादरा सूं नोहर कानी जावै हा। मारग में परळीका गांव। बस अड्डै पर राजस्थानी भाषा में स्वागत रा बैनर टंग्योड़ा देख'र घणा राजी हुया। परळीका मांय थमण रो कोई कार्यक्रम नीं हो, पण मायड़भाषा हेताळुवां री मनवार रो मान राखता थकां महाप्रज्ञजी बठै राजस्थानी भाषा अर साहित्य री महता बखाणता थकां राजस्थानी में ई करीब चाळीस मिनट रो शानदार प्रवचन दीन्हो। पछै तो जैन विश्व भारती में जद-जद साहित्यिक जलसा हुया, परळीका रा साहित्यकारां नै भी याद करीज्या। परळीका गांव रै मायड़भाषा हेत नै बै आपरै प्रवचनां में ठौड़-ठौड़ बखाणता।
प्रस्तुति :- अजय कुमार सोनी
अमृत 'वाणी'.COM के सम्पादन मंडल की तरफ से उन्हें हार्दिक श्रद्धांजली.
ReplyDeleteगुरुदेव आचार्य महाप्रज्ञ जी के महाप्राण का समाचार सुन कर मुझे सदमा लगा है . यह दुखद समाचार है पुरे देश के लिए . देश ने एक महान दार्शनिक वैज्ञानिक धार्मिक गुरु कों खो दिया है. शायद यह खालीपन हमे वर्षो वर्ष महसूस होगा! इस महान योगीपुरुष , कों भावभीनी वन्दन करते हुए श्रन्दान्जली अर्पित करता हू.
ReplyDeleteजै महाप्रज्ञ जी री. जैनं जयती शासनम
ReplyDeleteसाँची बात सोनी जी.आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी मायड़ भासा रा ठाडा हेतालू हा.उणा राजस्थानी भासा रै मांय रचनावां भी करी.मायड़ भासा रो एक सपूत . उण नै घणी घणी सिर्धांजलि .
ReplyDeleteअबार जैन समाज भले वौ महाप्रज्ञ जी नै मानै... सगळा काम काज गुजराती अर हिंदी मांय व्है... मारवाड़ी मांय करणीया जैन अबार खासा ओछा दिखै.
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