परलीका मेरी स्नेहस्थली: जितेन्द्र सोनी
आईएएस जितेन्द्र कुमार सोनी का अभिनन्दन
आईएएस जितेन्द्र कुमार सोनी का अभिनन्दन
नोहर.
शनिवार को परलीका के सोनी सदन में राजस्थानी चिंतन परिषद की ओर से पाली के
प्रशिक्षु आईएएस जितेन्द्र कुमार सोनी का अभिनन्दन किया गया।
इस अवसर पर सोनी ने कहा कि प्रशासक के बजाय मैं एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश में रहता हूं तथा आमजन के बीच रहकर ही मुझे अधिक सुकून मिलता है। उन्होंने इस अवसर पर राजस्थानी साहित्य पर विस्तार से चर्चा की तथा परलीका ग्राम को आधुनिक राजस्थानी साहित्य का एक मजबूत स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि धन्नासर मेरी जन्मस्थली, नेठराना कर्मस्थली तथा परलीका मेरी स्नेहस्थली रहा है, मैं इन्हें कभी नहीं भूल सकता। कार्यक्रम में बुजुर्ग माईधन बैनीवाल, चुन्नीलाल सोनी, व्याख्याता राजेन्द्र कासोटिया, महेन्द्रसिंह बिजारणिया, हनुमानप्रसाद शर्मा, ग्रामीण जगदीश लोहरा तथा संजय खाती ने विचार रखे। साहित्यकार रामस्वरूप किसान, डॉ. सत्यनारायण सोनी तथा विनोद स्वामी ने साहित्यिक पुस्तकें भेंट कर तथा पुष्पहार पहनाकर सोनी का अभिनन्दन किया।
फोटो: परलीका में जितेन्द्र कुमार सोनी का अभिनन्दन करते साहित्यकार रामस्वरूप किसान।
इस अवसर पर सोनी ने कहा कि प्रशासक के बजाय मैं एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश में रहता हूं तथा आमजन के बीच रहकर ही मुझे अधिक सुकून मिलता है। उन्होंने इस अवसर पर राजस्थानी साहित्य पर विस्तार से चर्चा की तथा परलीका ग्राम को आधुनिक राजस्थानी साहित्य का एक मजबूत स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि धन्नासर मेरी जन्मस्थली, नेठराना कर्मस्थली तथा परलीका मेरी स्नेहस्थली रहा है, मैं इन्हें कभी नहीं भूल सकता। कार्यक्रम में बुजुर्ग माईधन बैनीवाल, चुन्नीलाल सोनी, व्याख्याता राजेन्द्र कासोटिया, महेन्द्रसिंह बिजारणिया, हनुमानप्रसाद शर्मा, ग्रामीण जगदीश लोहरा तथा संजय खाती ने विचार रखे। साहित्यकार रामस्वरूप किसान, डॉ. सत्यनारायण सोनी तथा विनोद स्वामी ने साहित्यिक पुस्तकें भेंट कर तथा पुष्पहार पहनाकर सोनी का अभिनन्दन किया।
फोटो: परलीका में जितेन्द्र कुमार सोनी का अभिनन्दन करते साहित्यकार रामस्वरूप किसान।
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