अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने जताया राष्ट्रपति व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का आभार
अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने राजस्थानी मान्यता के मुद्दे पर सकारात्मक रुख के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जितेंद्रसिंह को पत्र लिखकर आभार जताया है।
समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ ने बताया कि समिति के अन्तरराष्ट्रीय संयोजक तथा राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) के मीडिया चेयरमैन प्रेम भंडारी व समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी के संयुक्त नेतृत्व में मंगलवार सायं राष्ट्रपति भवन में 15 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इससे पहले राजस्थान हाउस में प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात करने पहुंचे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भंवर जितेन्द्रसिंह ने करीब एक घंटे तक राजस्थानी भाषा को मान्यता के मुद्दे पर संवाद किया। दोनों ही शीर्ष नेताओं ने पूर्णतया पारिवारिक तथा आत्मिक माहौल में प्रतिनिधि मंडल की बात सुनी तथा राजस्थानी की महता स्वीकारी। संघर्ष समिति के अन्तरराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने कहा कि वे इस आत्मीयता से अभिभूत हैं तथा राजस्थानी मान्यता की दिशा में उनकी उम्मीद बलवती हुई है। इस अवसर पर राष्ट्रपति के पति देवीसिंह शेखावत ने स्वयं को प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा बताकर तथा ठेठ राजस्थानी में बातचीत कर प्रतिनिधि मंडल का दिल जीत लिया।
प्रतिनिधि मंडल में भंडारी व सिंघवी के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री जगदीप धनखड़, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय प्रवासी राजस्थानी महासंघ के अध्यक्ष व विधायक राज के पुरोहित, जेएनवीयू जोधपुर के कुलपति प्रो. भंवरसिंह राजपुरोहित, भगवान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश दाधीच, जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर कमल मेहता, पद्मश्री सूर्यदेवसिंह बारहठ, उम्मेदसिंह तंवर, संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ, प्रदेश संयोजक प्रो. कल्याणसिंह शेखावत, संस्थापक तथा अन्तरराष्ट्रीय मुख्य संगठक लक्ष्मणदान कविया, जोधपुर संभाग पाटवी कुं. डॉ. महेन्द्रसिंह नगर, मुख्य सलाहकार पदम मेहता, राजस्थानी मोट्यार परिषद के जेएनयू इकाई अध्यक्ष संदीप मील तथा कपिल सूरी भी शामिल थे।
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