Thursday, March 31, 2011

हाथूं-हाथ

हाथूं-हाथ

भाषा राजस्थान री
राजस्थानी आज
देय रयी आवाज
देय रयी आवाज,
कदर पण कोय न जाणी
बोले सकल समाज,
आपणी मीठी वाणी।
गुप्तेसर गुर सीख
राज रा फूटा रासा
एजी कर रया आज,
राज, बिन मायड़ भासा।

पुष्कर ‘गुप्तेश्वर’
उदयपुर भास्कर सूं साभार.
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