tag:blogger.com,1999:blog-2062034415620256697.post8676872131456958863..comments2023-08-08T04:08:18.011-07:00Comments on AAPNI BHASHA-AAPNI BAAT: १३ धर्म, कुरबानी अर जोस रो सुमेळ - बैसाखीAAPNI BHASHA - AAPNI BAAThttp://www.blogger.com/profile/17994132474389727135noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2062034415620256697.post-6055893987724087902009-04-14T00:28:00.000-07:002009-04-14T00:28:00.000-07:00Bhai,
Sh Roopsingh,
Satsriakal,...Bhai,<br /> Sh Roopsingh,<br /> Satsriakal,<br />Bhaiji tharo baisakhi per ghano hi paviter or manpsand lekh vanchiyo,Mahrye dil mai besakhi ro josh bher geyo hai.mayer bhasha re isa likhara nai mahro salam.<br />NARESH MEHANAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2062034415620256697.post-80726546475371657222009-04-13T06:04:00.000-07:002009-04-13T06:04:00.000-07:00सोनी साहब,सादर..आपणी भाषा नियमित रूप से पढता हूं. ...सोनी साहब,<BR/><BR/>सादर..<BR/><BR/>आपणी भाषा नियमित रूप से पढता हूं. बहुत ही सुंदर प्रयास है.<BR/>सुशांत की शादी में आपके आने का समाचार हमें नहीं था. बिल्कुल आप लोगों से मिलने की हार्दिक इच्छा है. बस कुछ संयोग से ही<BR/>मुलाकात नहीं हो पाई. परलीका का इलाका तो अपने लिए नया और सम्मानीय है और संभवत: जल्द ही वहां होंगे.<BR/><BR/>कांकड़ का प्रयास अच्छा लगा, आभारी हूं .. यह सब तो आप लोगों से ही सीखा है. <BR/>आप मार्ग निर्देशन करते रहे ...<BR/><BR/>आशा है परीक्षा वगैरह से निपट कर आराम की मुद्रा में होंगे .. <BR/><BR/>शेष कुशल <BR/>आपका ही <BR/>पृथ्वी<BR/>http://kankad.wordpress.com/Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2062034415620256697.post-9335192802724516222009-04-12T17:38:00.000-07:002009-04-12T17:38:00.000-07:00राम-राम सा. आपणी भाषा आप लगोलग बांच रैया हो. आप सब...राम-राम सा. आपणी भाषा आप लगोलग बांच रैया हो. आप सब गुणी जनां रो प्यार म्हानै दुगुनै उत्साह सूं काम करण रो बळ प्रदान करै. ओ स्तम्भ आज आपरा एक सौ लेख पूरा कर रेयो है. आपसूं अर्ज है कै आप- आपरा बेसी सूं बेसी विचार म्हारे तक पूगता करो. ओ स्तम्भ आपणी मायड़ भाषा राजस्थानी नै साचो मान दिरावन सारू चाल रैयै आन्दोलन रो हिस्सों है. भास्कर अखबार अर खास कर राणा जी रो जितरो प्यार अर आशीर्वाद मिल्यो बो भुलायो नी जाय सकै. मूल रूप सूं मध्यप्रदेश रा वासी अर राजस्थानी सूं इतरो हेत! लखदाद है राणाजी नै.... राजस्थानी साथै मौसी- भानजे रो रिस्तो बतावता बै घणो गुमेज करै...AAPNI BHASHA - AAPNI BAAThttps://www.blogger.com/profile/17994132474389727135noreply@blogger.com